मंगलुरु के बारे में

मंगलुरु

दक्षिण कन्नड़- सूचना प्रौधिकी का सशक्त गंतव्य,

लोग और क्षेत्र

प्रदेश को आदर्श सामाजिक एवं आर्थिक परिदृष्य प्रदान करता है जो रणनीतिक निवेश के लिए अनिवार्य है। लोग नौकरी-पेशा और उद्दमशील हैं।

  • समाज गुणवत्ता पूर्ण जीवन स्तर के साथ शिक्षित, बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक एवं महानगरीय है। साक्षरता दर 100 प्रतिशत है।
  • देहाती परिवेश, अप्रदूषित वातावरण और अच्छी वर्षा के साथ नरम जलवायु।
  • समुद्र तट और प्राकृतिक सुदंरता के साथ एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल।
  • मंदिर और प्राचीन किले इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का सार प्रस्तुत करते हैं।
  • इसके अलावा यहां पब, बॉलिंग ऐलीज, क्लब और मनोरंजन के स्थान हैं।

रेलवे - कोंकण रेलवे पहले से ही परिचालित है।

हवाईअड्डा – बंगलूरू, मुम्बई के लिए दैनिक संपर्क

बिजली - कर्नाटक में सर्वश्रेष्ठ सममूल्य

दूरसंचार – मंगलुरु और उडुपी में दो दूरसंचार जिले परिचालित हैं।

लागत कारक

क्षेत्र कम लागत की बुनियादी सुविधाओं, रियल एस्टेट और श्रमशक्ति के माध्यम से निवेशकों को प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करता है। यहां प्रगतिशील शहर के सभी फायदे हैं और अधिक जनसंख्या वाले महानगर की कमी भी यहां नहीं है।

  • अधिकतम लाभ, विशेषकर श्रम/तकनीक आश्रित उद्दोग के लिए
  • बंगलूरू से 25-30 प्रतिशत कम अचल संपत्ति लागत। क्षेत्र निर्मित एवं बहुतायत में उपलब्ध खाली जमीन, दोनों रूपों में उचित अचल संपत्ति प्रदान करता है।
  • समर्थन मूल्य बंगलूरू से अनुमानित तौर पर 20 प्रतिशत कम।
  • प्रतिष्ठित संस्थानों से इंजीनियरिंग, प्रबंधन, मूल विज्ञान एवं कला में प्रशिक्षित श्रमशक्ति की उपलब्धता। प्रति वर्ष लगभग 7,500 छात्र स्नातक होते हैं जिनमें करीब 2,500 इंजीनियरिंग के छात्र होते हैं। इनमें 70 प्रतिशत से अधिक मूल सूचना प्रौद्दोगिकी में प्रशिक्षित होते हैं। डिप्लोमा धारकों की भी बड़ी संख्या है।
  • बंगलूरू से अनुमानित 30 प्रतिशत कम श्रमशक्ति लागत।

आईटीईएस के लिए प्रगति की संभावनाएं

मंगलुरु में आईटीईएस के लिए प्रगति की संभावनाएं

  • आईटीईएस नीति के लिए मैक्किंजे ड्राफ्ट की कर्नाटक सरकार से सिफारिश।.
  • आईटीईएस, बीपीओ के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा मंगलूर पूरी तरह तैयार।
  • मंगलुरु में आईटीईएस क्रांति अपेक्षित।
  • मैक्किंजे-2010 में कर्नाटक के माध्यमिक शहरों में 2,25,000 नौकरियां उपलब्ध होंगीं।
  • कर्नाटक सरकार द्वारा आईटीईएस सफल कंपनियों में प्रत्येक प्रथम तीन को 3 करोड़ रूपए।
  • अंग्रेजी भाषी जनसंख्या।
  • उच्च साक्षरता दर।
  • कम परिचालन लागत।
  • कम निवेश लागत।
  • तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित श्रमशक्ति-इंजीनियरिंग कॉलेजों की बहुतायत।

 

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