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मेरठ को आज मिलेगा आईटी पार्क का तोहफा

Date: December 28, 2021

मेरठ को आज मिलेगा आईटी पार्क का तोहफा

इंतजार की घड़ी खत्म हुई। मेरठ को मंगलवार को आईटी पार्क का तोहफा मिल जाएगा। केंद्रीय कौशल विकास, उद्यमशीलता, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर आज मेरठ में देश के 62वें और प्रदेश के पांचवें आईटी पार्क का उद्घाटन करेंगे।

बाईपास स्थित एमडीए की योजना वेदव्यासपुरी के पास इस आईटी पार्क का उद्घाटन होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर, विधायक डा.सोमेंद्र तोमर, एसटीपीआई के डीजी अरविंद कुमार, केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव भुवनेश कुमार आदि मौजूद रहेंगे।

मेरठ शामिल हो जाएगा डिजिटल सोसाइटी में

आईटी पार्क के उद्घाटन के साथ ही मेरठ देश की डिजिटल सोसाइटी में शामिल हो जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को आगे बढ़ाते हुए आईटी के समग्र विकास और सशक्त डिजिटल सोसाइटी के बदलाव के तहत ही मेरठ में एसटीपीआई की ओर से आईटी पार्क का निर्माण किया गया है। आईटी पार्क के साथ ही क्षेत्र के एमएसएमई, स्टार्टअप को सॉफ्टवेयर निर्यात को गति प्रदान करेगा। विदेशी निवेश और डिजिटल उत्तर प्रदेश के विज़न को भी पूर्ण करेगा। आईटी पार्क की यह सुविधा युवा तकनीकी-उद्यमियों और स्टार्ट-अप के बीच नए सॉफ्टवेयर उत्पादों को विकसित करने एवं भारत और वैश्विक स्तर पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाएगी। यह पहल, क्षेत्र से आईटी निर्यात को बढ़ावा देने और क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद भी करेगा।

नोएडा एसटीपीआई का केंद्र होगा मेरठ

मेरठ का आईटी पार्क एसटीपीआई-नोएडा के अधिकार क्षेत्र के तहत टीयर-2/3 शहरों में 54वां केंद्र है। वैसे यह देश का 62वां और प्रदेश का पांचवां केंद्र है। प्रदेश के आईटी क्षेत्र में अब नवोदित तकनीकी उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को उनके अनूठे विचारों को नवीन उत्पादों में बदलने के लिए सशक्त बनाएगा।

25,074 वर्ग फुट में बना है आईटी पार्क

मेरठ का आईटी पार्क कुल 25 हजार 74 वर्ग फुट में तैयार किया गया है। 3,704 वर्ग फुट में 133 सीटों के साथ प्लग-एन-प्ले स्पेस, 2,021 वर्ग फुट में रॉ इन्क्यूबेशन का स्थान है जो कि हाई स्पीड डेटा संचार सुविधाओं से लैस है। कंपनी का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में एसटीपीआई की रजिस्टर्ड यूनिट्स ने आईटी/ आईटीईएस निर्यात में 4,96,313 करोड़ रुपये का योगदान दिया था, जिसमें उत्तर प्रदेश ने 22,671 करोड़ का योगदान दिया था। वर्तमान में लखनऊ, कानपुर, नोएडा और प्रयागराज में ही आईटी पार्क हैं।

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वें केंद्र का उद्घाटन

Date: December 27, 2021

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वें केंद्र का उद्घाटन

 

प्रेस विज्ञप्ति

27 दिसंबर 2021

माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री करेंगे मेरठ में एसटीपीआई के 62वें केंद्र का उद्घाटन

माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर 28 दिसंबर 2021 को एसटीपीआई के 62वें केंद्र का उद्घाटन करेंगे। मेरठ स्थित वेदव्यासपुरी योजना, एनएच-58 बाईपास के पास आईटीपी-03 में आयोजित इस उद्घाटन कार्यक्रम में उनके साथ श्री राजेंद्र अग्रवाल, माननीय संसद सदस्य (लोकसभा); श्री विजय पाल तोमर, माननीय संसद सदस्य (राज्यसभा); श्री सोमेंद्र तोमर, माननीय विधायक; श्री अरविंद कुमार, महानिदेशक, एसटीपीआई और श्री भुवनेश कुमार, संयुक्त सचिव, एमईआईटीवाई भी उपस्थिति रहेंगे। 

आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को आगे बढ़ाते हुए आईटी के समग्र विकास और सशक्त डिजिटल सोसाइटी के बदलाव एसटीपीआई -मेरठ का उद्घाटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।  साथ ही साथ क्षेत्र के MSMEs, स्टार्टअप को सॉफ्टवेयर निर्यात को गति प्रदान करेगा। विदेशी निवेश और डिजिटल उत्तर प्रदेश के विज़न को भी पूर्ण करेगा।

एसटीपीआई-नोएडा के अधिकार क्षेत्र के तहत मेरठ केंद्र टीयर-2/3 शहरों में एसटीपीआई का 54वां केंद्र है। एसटीपीआई-मेरठ उत्तर प्रदेश के आईटी पदचिह्न के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और टीयर-2/3 शहरों के नवोदित तकनीकी उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को उनके अनूठे विचारों को नवीन उत्पादों में बदलने के लिए सशक्त बनाएगा।

25,074 वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, एसटीपीआई-मेरठ में अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन सुविधाएँ मौजूद हैं। 3,704 वर्ग फुट में 133 सीटों के साथ प्लग-एन-प्ले स्पेस तथा 2,021 वर्ग फुट में रॉ इन्क्यूबेशन का स्थान है जोकि हाई स्पीड डेटा संचार सुविधाओं से लैस है। वित्त वर्ष 2020-21 में, एसटीपीआई की रजिस्टर्ड यूनिट्स ने आईटी / आईटीईएस निर्यात में 4,96,313 करोड़ रुपये का योगदान दिया था जिसमें, उत्तर प्रदेश ने 22,671 करोड़ रुपयों का योगदान दिया था।

निर्माता संस्कृति को बढ़ावा देते हुए यह सुविधा युवा तकनीकी-उद्यमियों और स्टार्ट-अप के बीच नए सॉफ्टवेयर उत्पादों को विकसित करने एवं भारत और वैश्विक स्तर पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाएगी। यह पहल, क्षेत्र से आईटी निर्यात को बढ़ावा देने और क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद भी करेगा। 

एसटीपीआई केंद्र और इन्क्यूबेशन सुविधा के लाभ-

  • क्षेत्र को महत्वपूर्ण आईटी स्थानों में से एक के रूप में बढ़ावा देना एवं राज्य में आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम यूनिट्स  को आकर्षित करना।
  •  इस क्षेत्र से आईटी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार सकल राष्ट्रीय निर्यात में योगदान करना।
  • सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ईएचटीपी) योजना के तहत वैधानिक सेवाएं प्रदान करना।
  • अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन सुविधा, उच्च गति डेटा संचार (एचएसडीसी) और अन्य मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करना।
  • नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, आईपीआर और उत्पाद विकास का निर्माण
  • स्टार्ट-अप को मार्गदर्शन और प्रचार-प्रसार में सहायता प्रदान करना

 

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'डिजिटल उत्तर प्रदेश' भारत और दुनिया के लिए अग्रणी टेक एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हब बन रहा है - यूपी में 5-वें एसटीपीआई केंद्र का उद्घाटन कल मेरठ में

Date: December 27, 2021

'डिजिटल उत्तर प्रदेश' भारत और दुनिया के लिए अग्रणी टेक एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हब बन रहा है - यूपी में 5-वें एसटीपीआई केंद्र का उद्घाटन कल मेरठ में

डिजिटल उत्तर प्रदेश भारत के साथ-साथ विश्व के लिए प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स का केंद्र बन रहा है - उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में युवाओं के बीच आईटी उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा

मेरठ में आज उत्तर प्रदेश के 5वें एसटीपीआई का उद्घाटन किया जाएगा

उद्यमिता, वैश्विक निवेश, रोजगार सृजन के अवसर तैयार होंगे और आर्थिक विकास में तेजी आएगी - उत्तर प्रदेश के युवा रोजगार सृजनकर्ता बनेंगे

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर कल लोकसभा सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद श्री विजयपाल तोमर, विधायक श्री सोमेंद्र तोमर, एसटीपीआई के महानिदेशक श्री अरविंद कुमार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार की उपस्थिति में एनएच-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ के आईटीपी-03 में एसटीपीआई के 62वें केंद्र, एसटीपीआई-मेरठ का उद्घाटन करेंगे।

भारत को डिजिटल तौर पर एक सशक्त समाज और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के क्रम में आईटी के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, एसटीपीआई-मेरठ केंद्र का उद्घाटन एफडीआई को आकर्षित करते हुए तथा डिजिटल उत्तर प्रदेश के दृष्टिकोण को साकार करते हुए सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने एवं रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए टियर-2 शहरों और क्षेत्र के तकनीकी स्टार्ट-अप तथा एमएसएमई को सशक्त बनाने में एक उत्प्रेरक भूमिका निभाएगा।

एसटीपीआई-नोएडा के अधिकार क्षेत्र के तहत मेरठ केंद्र टियर-2/3 शहरों में एसटीपीआई का 54वां केंद्र है। एसटीपीआई-मेरठ उत्तर प्रदेश के आईटी फुटप्रिंट का विस्तार करने और टियर-2/3 शहरों के नवोदित तकनीकी उद्यमियों और स्टार्टअप को उनके अद्वितीय अवधारणाओं को नवीन उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एसटीपीआई-मेरठ में अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र का कुल निर्मित क्षेत्र 25,074 वर्ग फुट है। यहां उच्च गति डेटा संचार सुविधाओं की गारंटी सहित 133 सीटों के साथ 3,704 वर्ग फुट का प्लग-एन-प्ले स्थान और 2,021 वर्ग फुट का कच्चा इनक्यूबेशन स्थान उपलब्ध है।

वित्त वर्ष 2020-21 में, एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों ने आईटी / आईटीईएस निर्यात में 4,96,313 करोड़ रुपये का योगदान किया, जिसमें उत्तर प्रदेश का हिस्सा 22,671 करोड़ रुपए है।

यह संयंत्र युवा तकनीकी-उद्यमियों और स्टार्टअप्स के बीच एक निर्माता संस्कृति विकसित करने के लिए एक जीवंत इको-सिस्टम तैयार करेगा, जो उन्हें भारत और विश्व की चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीन सॉफ्टवेयर उत्पादों को विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगा। यह क्षेत्र से आईटी निर्यात को बढ़ावा देने और क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा।

एसटीपीआई केंद्र और इनक्यूबेशन संयंत्र के लाभ:

  • • इस क्षेत्र को पसंदीदा आईटी गंतव्यों में से एक के रूप में बढ़ावा देना और राज्य में आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम इकाइयों को आकर्षित करना,
  • • इस क्षेत्र से आईटी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार सकल राष्ट्रीय निर्यात में योगदान करना,
  • • सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ईएचटीपी) योजना के तहत वैधानिक सेवाएं प्रदान करना,
  • • अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र, उच्च गति डेटा संचार (एचएसडीसी) और अन्य मूल्य-वर्धित सेवाएं प्रदान करना,
  • • नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, आईपीआर का सृजन और उत्पाद विकास करना,
  • • स्टार्ट-अप को मार्गदर्शन और प्रचार संबंधी सहायता देना।

 

एसटीपीआई के बारे में:

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था के रूप में 5 जून, 1991 को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की स्थापना की गई थी। तब से यह भारतीय आईटी / आईटीईएस / ईएसडीएम उद्योग के विकास के इंजन के रूप में उभरा है। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ईएचटीपी) योजनाओं को लागू करके देश से सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के नीतिगत प्रशासन के लिए शासनादेश के साथ, एसटीपीआई ने भारत में सॉफ्टवेयर निर्यात को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सेवाएं, विश्व स्तरीय इंटरनेट कनेक्टिविटी, अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र और अन्य बुनियादी ढांचा सेवाएं प्रदान करके व्यापार करने में आसानी के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम का निर्माण किया है।

इसके क्षेत्राधिकार में 11 निदेशालय और 62 केंद्र हैं, जिनमें से 54 टियर-2/3 शहरों में हैं। एसटीपीआई ने टियर-II/III शहरों में सॉफ्टवेयर निर्यात, अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और तकनीक-संचालित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हुए, एसटीपीआई ने देश को पसंदीदा आईटी गंतव्य के रूप में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों द्वारा 1992-93 के दौरान 52 करोड़ रुपए मूल्य का निर्यात शानदार वृद्धि के बाद 2020-21 में 4,96,313 करोड़ रुपए हो जाने से भी यह तथ्य प्रमाणित होता है।

मेरठ में एसटीपीआई के 62वें केंद्र का उद्घाटन

मेरठ में एसटीपीआई के 62वें केंद्र का उद्घाटन

  • 28-12-2021

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे  केंद्र की शुरुआत 
 

श्री राजीव चंद्रशेखर, 
माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री, भारत सरकार 

द्वारा   28 दिसंबर 2021 को 

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे  केंद्र का उद्घाटन

 

स्थान: प्लॉट नंबर - ITP-03, NH-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे केंद्र की शुरुआत

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे केंद्र की शुरुआत

  • Start Date 28-12-2021
  • End Date 28-12-2021
  • Type STPI Centre Launch
  • Display Flagship Events
  • Venue स्थान: प्लॉट नंबर - ITP-03, NH-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ 

 मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे  केंद्र की शुरुआत 

श्री राजीव चंद्रशेखर, 
माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री, भारत सरकार 

द्वारा  

28 दिसंबर 2021 को उद्घाटन

स्थान: प्लॉट नंबर - ITP-03, NH-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ 

2021

STPI ने बेंगलुरु में AIC STPINEXT, अकोला में FASAL, और चरण 2 में OctaNE के तहत 5 CoE सहित 7 और CoE लॉन्च किए, जिसमें अगरतला में डेटा एनालिटिक्स और AI CoE / SIZ, कोहिमा में ग्राफिक्स डिज़ाइन CoE / SIZ में IT एप्लिकेशन, हेल्थकेयर और आईटी एप्लिकेशन शामिल हैं। गंगटोक में एग्रीटेक सीओई/एसआईजेड, आइजोल में गेमिंग एंड एंटरटेनमेंट सीओई/एसआईजेड, और ईटानगर में जीआईएस एप्लीकेशन (ड्रोन टेक्नोलॉजी सहित) सीओई/एसआईजेड, पूरे भारत में कुल 20 परिचालन सीओई हैं।

एसटीपीआई ने कोहिमा में 61वां केंद्र शुरू किया और कोलकाता और गुरुग्राम में 2 न्यायिक निदेशालय बनाए।

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के इलाज में नये अध्‍याय की शुरुआत

Date: December 18, 2021

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के इलाज में नये अध्‍याय की शुरुआत

एसटीपीआई-मेडिकल टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन
STPI Medtech CoE में बनेंगे इलाज की जरूरत के अनुसार उपकरण

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के उपचार के दृष्टिकोण से आज एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। अब मरीज की जरूरत के हिसाब से इलाज में प्रयोग होने वाले उपकरणों के लिए संस्‍थान को किसी कम्‍पनी से सप्‍लाई का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सामान्‍य से लेकर अत्‍याधुनिक व इनोवेटिव उपकरणों का निर्माण संस्‍थान में ही हो स‍केगा,  इसकी शुरुआत आज से हो गयी है।

संस्थान में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया के द्वारा संस्थान में स्थापित किए गए एसटीपीआई मेडिकल टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस STPI Medtech CoE  की आज से शुरुआत हो गई है इसका उद्घाटन भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड इनफॉरमेशन टेक्‍नोलॉजी के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेश पाठक  और स्वाति सिंह के साथ ही उत्‍तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्‍य सचिव आईटी एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विभाग अरविन्‍द कुमार भी उपस्थित रहे।

इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर आरके धीमन ने अपने संबोधन में केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार का आभार जताया इसके साथ ही एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री और आंध्रप्रदेश मेडटेक जोन का भी इस उद्यम में खास योगदान देने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस सेटअप के शुरू होने से मरीजों के अनुरूप इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की चिकित्सकों की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा किया गया है ताकि मरीज की देखभाल में टेक्नोलॉजी का बेहतर और प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।

निदेशक ने कहा कि संस्थान नए-नए विचारों को उत्पन्न करने की संस्कृति का समर्थन करता है और इसी के तहत नयी-नयी सोच से उत्‍पन्‍न आइडियाज का मरीजों के उपचार में लाभ देता रहा है। उन्होंने कहा कि परिसर में मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होने से  चिकित्सकों को रोगी के अनुकूल उपकरणों को विकसित करने और रोगी की देखभाल में इसका त्वरित लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान नये-नये तथा आमतौर पर कम प्रयोग होने वाले उपकरणों का कितना महत्व है, यह हम सब ने जाना है। उन्होंने कहा कि जैसे जब कोविड-19 महामारी आयी तो अचानक प्रत्येक मरीज में पल्स ऑक्सीमीटर जैसे सामान्य उपकरणों से लेकर आईसीयू में उपयोग किए जाने वाले कई उपकरणों की आवश्यकता महसूस हुई थी, ऐसे में जब इस तरह के सेंटर स्‍थापित रहते हैं तो उपकरणों का उत्पादन शीघ्र और मरीज के अनुसार कराना आसान होता है यही इस सेंटर की स्थापना का उद्देश्य है।

उदाहरण देकर समझाया

मरीज के अनुसार उपकरणों के निर्माण पर बात करते हुए निदेशक ने ‘सेहत टाइम्‍स’ को बताया कि उदाहरण स्‍वरूप आपको बताते हैं कि कोविड के दौरान मरीज को वेंटीलेटर पर ले जाने में उसके ट्रैकिया में एक ट्यूब डालने की जरूरत पड़ती है, यह ट्यूब मुंह से डाला जाता है। उन्‍होंने बताया कि चूंकि कोविड बेहद संक्रमित रोग होने के कारण जो भी चिकित्‍सक इस ट्यूब को डालता है, उसे मरीज के मुंह के सम्‍पर्क में काफी समय के लिए आना पड़ता है, जिससे डॉक्‍टर को संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉ धीमन ने बताया कि ऐसे में अगर इस प्रक्रिया को करने के लिए लेरिंगोस्‍कोप डिवाइस बनाकर इसे स्‍क्रीन पर देखकर डाला जाये तो संक्रमण के फैलाव की आशंका कम रहेगी। उन्‍होंने बताया कि इसी प्रकार के नये-नये तथा जरूरत के अनुसार उपकरणों का निर्माण कम समय में उपलब्‍ध हो सकेगा।   

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